एमएसटीसी लिमिटेड ने राजभाषा त्रिमास के
क्रम में इस्पात मंत्रालय के तत्वावधान में 23.09.2016 को नई दिल्ली के स्कोप
कॉम्प्लेक्स के मिर्जा गालिब चेम्बर में ई-कॉमर्स और आईटी टूल्स पर राष्ट्रीय
संगोष्ठी का आयोजन किया। इस अवसर पर भारतीय ज्ञानपीठ एवं साहित्य अकादमी द्वारा
पुरस्कृत हिंदी के कालजयी कवि डॉ. केदारनाथ सिंह तथा इस्पात सचिव डॉ. अरूणा
शर्मा विशिष्ट रूप से उपस्थित थे। इस संगोष्ठी का उद्घाटन इस्पात संयुक्त सचिव
श्री टी श्रीनिवास, एमएसटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री बी बी सिंह,
एमएसटीसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री एम अम्बष्ठ तथा मॉयल के अध्यक्ष एवं
प्रबंध निदेशक श्री एम के चौधरी की गरिमामय उपस्थिति में हिंदी के कालजयी कवि डॉ.
केदारनाथ सिंह और इस्पात सचिव डॉ. अरूणा शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ
किया गया।
उद्घाटन
के पश्चात इस्पात संयुक्त सचिव श्री टी श्रीनिवास ने अपने वकतव्य में हिंदी की
महत्ता बताते हुए इस्पात मंत्रालय में हिंदी की प्रगति पर चर्चा की। डॉ.
केदारनाथ सिंह ने हिंदी कार्यालयों में राजभाषा के कार्यों में गंभीरता लाने तथा
राजभाषा के साथ क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़कर परिवार और देश दोनों की भाषाओं को आगे
बढ़ाने का सार्थक सुझाव दिया। तत्पश्चात डॉ. अरूणा शर्मा ने अपने अध्यक्षीय
भाषण में स्पष्ट कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं की जड़ इतनी व्याप्त है
कि अगर किसी व्यवसाय को भारत में विस्तार करना है तो उसे हिंदी के साथ अन्य
भारतीय भाषाओं का प्रयोग करना ही पड़ेगा और यही वजह है कि आईटी क्षेत्र में भारतीय
भाषाओं का उल्लेखनीय प्रयोग किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उन्होंने हिंदीतर
भाषियों के हिंदी विकास में महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। अंत में श्री एस अम्बष्ठ
ने उद्घाटन सत्र का समापन करते हुए साफ-साफ कहा कि पूरे भारत में केवल हिंदी के
माध्यम से संपर्क स्थापित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी
सार्वजनिक उपक्रमों से आए अतिथियों तथा डॉ. केदारनाथ सिंह एवं डॉ. अरूणा शर्मा को
विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस
कार्यक्रम का दूसरा सत्र व्यवसाय सत्र था। इस सत्र में एमएसटीसी लिमिटेड के व्यवसाय
के विविध क्षेत्रों पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया था। इनमें एमएसटीसी का
परिचय, ई-कॉमर्स, मेटल मंडी, हस्तकला पोर्टल तथा 110 प्रतिशत बैंक गारंटी से
संबंधित प्रस्तुति क्रमश: श्री डी पी बहुगुणा, महाप्रबंधक(बीओ), श्रीमती भानू
कुमार, उत्तर क्षेत्रीय प्रबंधक, श्रीमती शालिनि भट्टी, वरिष्ठ प्रबंधक, श्रीमती
दीपान्विता राय, प्रबंधक(राजभाषा), श्री सुचित कुमार बर्णवाल, उत्तर क्षेत्रीय
वित्त प्रबंधक ने किया। इन सभी प्रस्तुतियों में मेटल मंडी और हस्तकला संबंधी
पोर्टल का महत्वपूर्ण स्थान था। मेटल मंडी इस्पात उत्पादकों तथा हस्तकला
संबंधी पोर्टल कुटीर उद्योगों की सामग्री विक्रय हेतु ई-प्लेटफार्म प्रदान करता
है।
इस
कार्यक्रम का तीसरा सत्र राजभाषा आईटी टूल्स पर आयोजित किया गया था। इसमें श्री
एम पी श्रीवास्तव, महाप्रबंधक(राजभाषा प्रभारी) ने एमएसटीसी में हिंदी की स्थिति
पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। इसमें मूल रूप से एमएसटीसी के कार्यालयों में
हिंदी में किए जाने वाले कार्य का उल्लेख किया गया था। इसके बाद केंद्रीय हिंदी
शिक्षण संस्थान के सहायक निदेशक, श्री विक्रम सिंह ने राजभाषा आईटी टूल्स पर
गंभीर चर्चा आरंभ की। इसमें उन्होंने यूनिकोड क्या है?, एक्सपी, विंडोज-2000, विस्टा,
विंडोज-2007, विंडोज-2008 आदि में यूनिकोड इंस्टॉलेशन का सोदाहरण प्रेजेंटेशन
प्रस्तुत किया। आगे उन्होंने गुगल वॉयस टाईपिंग और ट्रांसलेशन का व्यावहारिक
प्रदर्शन भी किया। इस तरह उन्होंने राजभाषा आईटी टूल्स के माध्यम से हिंदी काम
करने में सहजता को प्रदर्शित किया। सत्र के अंत में श्री शैलेश कुमार सिंह, संयुक्त
निदेशक(राजभाषा), इस्पात मंत्रालय ने हिंदी में काम करने में सहजता का उल्लेख
किया और हिंदी को स्वाभिमान की भाषा बताते हुए इसके अधिकाधिक प्रयोग पर जोड़ देते
हुए सत्र का समापन किया।
कार्यक्रम
का चौथा सत्र काव्य सत्र था। इसमें हिंदी के जाने-माने साहित्यकार श्री जय प्रकाश
कर्दम, सुश्री अनामिका और श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव को आमंत्रित किया गया। इस
सत्र का आरंभ श्री एम पी श्रीवास्तव ने डॉ. केदारनाथ सिंह की कविता के पाठ से
किया। आगे श्री जय प्रकाश कर्दम ने बदलते जीवन मूल्यों से प्रभावित पारिवारिक
कविताओं का पाठ किया। अगली कड़ी में श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव ने प्रेम और स्त्री
संबंधी कविताओं के माध्यम से प्रगतिशील मूल्यों की स्थापना की। तत्पश्चात
सुश्री अनामिका ने स्त्री संघर्ष के विविध मुद्दों पर काव्य पाठ किया। इस तरह पूरा सभागार एक के
बाद एक कविताओं के पाठ के माध्यम से मंत्रमुग्ध हो गया। सत्र के अंत में
एमएसटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री बी बी सिंह ने आगत सभी
कवियों का सादर आभार व्यक्त किया।
संगोष्ठी
के अंत में कार्यक्रम के संचालक श्री परिमल किशोर सिन्हा ने इस्पात मंत्रालय तथा
सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से आए अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए
कार्यक्रम का समापन किया।